WELCOME...!

I WRITE FOR MYSELF. SHE THINKS FOR ALL.

"LIVE LOVE LAUGH PEACE"
IS OUR MOTTO !!

GOD picked for us A RANDOM SERIES . Then fixed the seed . And now calls it as our PASSWORD TO MOON .

May . 5 . 9 . 22 . Jun . 15 . Jul . 15 . Aug . 8 . Sep . 8 . Nov. 3 2008 . Jun . 28 . Jul . 4 . Sep . 12 . 17 .
2009 . Jul . 8 . 9 .
2010 . Feb . Mar . Apr . Jun . 26 .
2011. Jun . 5 . Nov . 5 . 6.

YOU. ME. AND THE JUNE 28.

2016: May you have all choices, hope you add me to your cart! May you remove white noises, and just love my heart! Happy Anniversary! Love you!
2015: It's still the same, unlike my age, My love for you has no end or stage! You're my bird, you're my book, Love your skies, I love your cage, You know how much I love each page! My love for you has no end or stage! Happy Anniversary! Love you!
2014: Whenever I think, just let me rewind, Are you the best I could ever find? Yup, but was it when we kissed or dined? No! Your first glance is what blew my mind! Happy Anniversary!! Love you...
2013: The day that changed my life from seed to leaf, from trivial to chief. Yup, the day that changed my state from doubt to belief, from pain to relief. I love you. Happy Anniversary!


2012: The life is still. Whole world is nil. Can emptiness kill? What's your will? India-US, but still. Globe makers, you chill. Via valleys or hill; We met, we will!

Dep, today the degree of eagerness to get one glimpse is four times more than what it was four years back. Happy anniversary! Love.

2011:
The day when I dressed up in best of styles and you concentrated just on eyes. Yup, the day I waited for my life and we met for the first time. Happy anniversary! Kisses.

2010:
This day means a lot to me. And I do know, just not to me. ;-). I see you. I love you. :) Happy anniversary!

2009: For all those pains, you got last year :(. For all those bad swings in my mood. For all those things that brought you tears :(. For all those moments I got so rude. I apologize. But. For all those days in past 52 weeks. For all those nights you sang those songs. For all those times you kissed me, sweets. For all those smiles you brought along. I love you. :) Happy anniversary!






Sunday, November 14, 2010

घर में अच्छा लगता है...

नहीं दूर था मंदिर, घर से मेरे,
पर घर से मैं निकलता नहीं
अब आता हूँ पर शाम-सवेरे,
किसी मूरत में क्यूँ मिलता नहीं?



मैं पेड़ में हूँ, मैं पत्तों में,
उस फूल में भी, जो खिलता नहीं
मैं ख़ुशी मैं हूँ, मैं जलसों में,
उस ज़ख्म में भी जो सिलता नहीं...


एक आस हूँ मैं, विश्वास हूँ मैं,
मैं उम्मीद का सूरज, मैं ढलता नहीं
किसी को मिल जाता हूँ एक बूँद में मैं,
किसी को सागर में भी मिलता नहीं...


मैंने घर बनाया अपना फ़ुरसत में,
वो हर दिल जो सच्चा लगता है
मैं क्यूँ मिलूँ किसी मूरत में?
मुझे भी घर में अच्छा लगता है...!

Sunday, April 18, 2010

बिना मिले...

मुझे इस तरह से देख ले, और को देखा नहीं
या देख ले बस और को, मुझ से बिना मिले...

मुझ से बिना मिले, भी मुझ से मिल कभी
तुझ से मिला हूँ मैं, खुद से बिना मिले...


खुद से बिना मिले, ढूँढ रहा था किसे?
था खुद का पता नहीं, तुझ से बिना मिले...

तुझ से बिना मिले, भी याद अब तू अगर
मिल रहा हूँ तुझे, तुझ से बिना मिले...

Sunday, March 7, 2010

तब कहीं...


बयान करे कोई गर, इन आँख के इशारों को,
दवा मिल जाए फिर, दर्द की मज़ारों को...

जो नज़रों से छुए तू, बिखरे नज़ारों को,
धूप मिले तब कहीं, बर्फ़ के पहाड़ों को...!

सहरा में लाए तू, बारिश-बौछारों को,
राहत मिल जाए फिर, प्यासे बीमारों को...

जो दुआ से गिराए तू, पतझड़ दीवारों को,
नसीब हो तब कहीं, पत्ते बहारों को...!

सुबह-सुबह चले तू, सागर किनारों को,
इक शाम, मिल जाए फिर, शेर-ओ-अशारों को...

जो शामों में खोले तू, पलक-ए-गुल्ज़ारों को,
चाँद मिले तब कहीं, फ़लक के सितारों को...!

नम आँखों से देख ले, जो डूबे जहाज़ों को,
हर सिला, मिल जाए फिर, दुआ-ए-नमाज़ों को...
और जो जोड़ दे तू कभी, इन टूटे अल्फ़ाज़ों को,
ख़त मिले तब कहीं, खाली लिफ़ाफ़ों को…!

Saturday, November 14, 2009

ज़िद...


ये बारिश रहे, मैं चलता रहूँ,
बिन तेरे मगर मन नहीं होता
तू है तो अच्छा लगता है सब,
अब तेरे बगैर मौसम नहीं होता...

इस कमरे में रखे हैं दीये बोहत,
अँधेरा मगर ये कम नहीं होता

इसे भी ज़िद है शायद, मेरी तरह
ये तेरे बगैर रौशन नहीं होता...!

Monday, July 20, 2009

आँसू नहीं आते...


तू खुश नहीं ?
क्या ग़म है जो सता रहा है ?
तेरे होंठों की हँसी कुछ कहती नहीं,
मगर आँसू कुछ बता रहा है !
उसके होंठों पर हमेशा मुस्कान देखी है,
अपने लिए दो आँसू भी आँखों में देखे नहीं कभी...
होंठों पर तो मेरे भी मुस्कान रहती है,
पर यूँ आँखों में आँसू मैंने रोके नहीं कभी...

ग़म सब को होता है,
कुछ ज़ुबाँ से नहीं बताते,
बस रोते हैं तन्हाई में,
यूँ आँसू नहीं दिखाते...
तू कहाँ उन जैसा,
जो हर पल मुस्कुराते
वो रो चुके हैं इतना,
अब आँसू नहीं आते...

Sunday, July 19, 2009

रिवाज़...


गर लोगों में
रस्म-ओ-रिवाज़ नहीं होते
ये ‘शुक्रिया’ और ‘माफ़ी’
अल्फाज़ नहीं होते
गुनाह तो हैं इतने,
माफ़ नहीं होते
पर दोस्त ही सब ऐसे,
नाराज़ नहीं होते...



गर झूठ ना होता,
नक़ाब नहीं होते
जो सच होता सब,
ख़्वाब नहीं होते
सब एक जैसे होते,
लाजवाब नहीं होते
जो हम जैसे दो-चार,
ख़राब नहीं होते...

Wednesday, July 15, 2009

मीलों तक...


जो कहते हैं, उन्हें कहने दो,
आज सुनने का कुछ दिल नहीं
ये आँखें भी बंद रहने दो,
अब इतना भी मुश्किल नहीं...

समझ वालों का ये काम सही,
आज मैं ही हूँ, महफ़िल नहीं
जो कहना है, कह डालो तुम,
दिल इतना भी जाहिल नहीं...

तकरारों के सबब बोहत
कि माँगा था, हासिल नहीं
तेरे लहजों से पर, वाकिफ़ मैं
गिला शौकों में शामिल नहीं...

बस कश्ती भर का गाँव है,
खुशकिस्मत हम काबिल नहीं,
जो टूटी-फूटी नाँव है
और मीलों तक साहिल नहीं...

महफ़िल = gathering
जाहिल = illiterate, ignorant
सबब = reasons
हासिल = gain, achieve
लहजा = the twinkle of an eye, glance
वाकिफ़ = acquainted, aware
गिला = grudge
शौक़ = hobby, interest
शामिल = included
काबिल =
able, worthy

Sunday, July 12, 2009

बे-शक्ल...


उसे दिखती मेरी दुआ ज़रूर, दुआओं का शरीर कहाँ
मुझे उसकी दुआ नहीं लगती, वो दर दर का फ़कीर कहाँ
मुझे उसमें, ख़ुदा दिखता है, सबकी यूँ तक़दीर कहाँ
उसे मुझ में यों नहीं दिखता, बे-शक्ल ख़ुदा, तस्वीर कहाँ !!